कौन है ये दिग्विजय?
दिग्विजय सिंह,जिन्हें आम लोग दिग्गी कहते हैं.बड़ा दिलचस्प होगा इनके
बारे में जानना.हिन्दू संगठनों से इनकी नफ़रत(खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे
जैसी)और आर एस एस के खिलाफ हमेशा विष वमन की कोई तो वजह होगी?तो जो जानकारी
मिली उसे आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ .
दरअसल ये दिग्गी २८ फरवरी १९४७ को मध्य प्रदेश के गुना जिले में पैदा हुए
थे.जन्म से तो ये राजपूत थे.लेकिन जो चौकाने वाली बात है वो ये है कि
महाशय अपना धर्म परिवर्तन कराकर इसाई बन चुके हैं.जी हाँ, हिन्दू संगठनों
या यूं कहें कि हिन्दू धर्म को लेकर इनके मन में जो जहर भरा है उसके पीछे
इनका ईसाई धर्म पालन ही है.
अब बार-बार इसकी जांच होनी चाहिए,उसकी जांच होनी चाहिए की माला जपने वाले
दिग्गी भईया खुद कितने पाकसाफ हैं इसके बारे में भी जान लेते
हैं.विकिपीडिया पर जाने पर इनके बारे में पता चला कि इनके सीने पर भी
बहादुरी के कई तमगे लगे हैं.जरा गौर फरमाएं....
१)सन
२००१ में जब आयकर विभाग ने भोपाल के एक शराब माफिया के यहाँ छापा मारा था
तब उसे उस शराब माफिया के यहाँ से एक डायरी मिली थी.उस डायरी में उन लोगों
के नाम थे जिनको उस शराब माफिया ने रिश्वत दी थी.उनमें एक नाम अपने दिग्गी
भईया का भी था,और उनके नाम के आगे १० करोड़ रुपये लिखे थे.उस समय महाशय
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.तब भी उन्होंने इसका ठीकरा बीजेपी के सर पर
फोड़ा था.
२)सन
१९९८ के झबुआ नन बलात्कार प्रकरण में हिन्दू संगठनों पर आपत्तिजनक टिप्पणी
करने पर झबुआ कोर्ट ने इनके ऊपर और अन्य १४ पर वारंट जारी किया था.
३)सन
२००४ में इंदौर में एक जमीन घोटाले में मध्यप्रदेश के लोकायुक्त ने चार
अन्य लोगों के साथ-साथ दिग्गी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
४)सन
२००९ में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक
टिप्पणी करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर
रखी है.
५)१२
फरवरी २००९ में इंदौर के त्रीज़र आइलैंड मॉल के निर्माण कार्य में घोर
अनियमितता बरतने,धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के लिए भी इनके ऊपर मध्यप्रदेश में
भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज है.
६)दिसंबर
२०१० में इन्होने हेमंत करकरे की शहादत की जो किरकिरी की उससे सभी वाकिफ
हैं.भारत में जितने भी आतंकवादी विस्फोट हुए हैं सबके पीछे इन्हें हिन्दू
आतंकवाद ही नज़र आता है.
ऐसे दूध के धुले हैं ये महाशय.बडबोलापन इतना कि दिसंबर २००३ के चुनाव के
दौरान सार्वजनिक रूप से बोले थे कि चुनावों में विकास कार्य कोई मायने नहीं
रखता.परिणाम ये हुआ कि कांग्रेस ३७ सीट पर सिमट गई.नवंबर २००५ के बिहार
चुनाव के समय ये वहां के प्रभारी थे.नतीजा कांग्रेस ९ से ८ पर आ गई.अब
उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं.अगले साल वहां भी ..........
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=191769534216031&set=a.138093299583655.25382.100001489561321&type=1&theater
दिग्विजय सिंह,जिन्हें आम लोग दिग्गी कहते हैं.बड़ा दिलचस्प होगा इनके
बारे में जानना.हिन्दू संगठनों से इनकी नफ़रत(खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे
जैसी)और आर एस एस के खिलाफ हमेशा विष वमन की कोई तो वजह होगी?तो जो जानकारी
मिली उसे आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ .
दरअसल ये दिग्गी २८ फरवरी १९४७ को मध्य प्रदेश के गुना जिले में पैदा हुए
थे.जन्म से तो ये राजपूत थे.लेकिन जो चौकाने वाली बात है वो ये है कि
महाशय अपना धर्म परिवर्तन कराकर इसाई बन चुके हैं.जी हाँ, हिन्दू संगठनों
या यूं कहें कि हिन्दू धर्म को लेकर इनके मन में जो जहर भरा है उसके पीछे
इनका ईसाई धर्म पालन ही है.
अब बार-बार इसकी जांच होनी चाहिए,उसकी जांच होनी चाहिए की माला जपने वाले
दिग्गी भईया खुद कितने पाकसाफ हैं इसके बारे में भी जान लेते
हैं.विकिपीडिया पर जाने पर इनके बारे में पता चला कि इनके सीने पर भी
बहादुरी के कई तमगे लगे हैं.जरा गौर फरमाएं....
१)सन
२००१ में जब आयकर विभाग ने भोपाल के एक शराब माफिया के यहाँ छापा मारा था
तब उसे उस शराब माफिया के यहाँ से एक डायरी मिली थी.उस डायरी में उन लोगों
के नाम थे जिनको उस शराब माफिया ने रिश्वत दी थी.उनमें एक नाम अपने दिग्गी
भईया का भी था,और उनके नाम के आगे १० करोड़ रुपये लिखे थे.उस समय महाशय
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.तब भी उन्होंने इसका ठीकरा बीजेपी के सर पर
फोड़ा था.
२)सन
१९९८ के झबुआ नन बलात्कार प्रकरण में हिन्दू संगठनों पर आपत्तिजनक टिप्पणी
करने पर झबुआ कोर्ट ने इनके ऊपर और अन्य १४ पर वारंट जारी किया था.
३)सन
२००४ में इंदौर में एक जमीन घोटाले में मध्यप्रदेश के लोकायुक्त ने चार
अन्य लोगों के साथ-साथ दिग्गी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
४)सन
२००९ में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक
टिप्पणी करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर
रखी है.
५)१२
फरवरी २००९ में इंदौर के त्रीज़र आइलैंड मॉल के निर्माण कार्य में घोर
अनियमितता बरतने,धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के लिए भी इनके ऊपर मध्यप्रदेश में
भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज है.
६)दिसंबर
२०१० में इन्होने हेमंत करकरे की शहादत की जो किरकिरी की उससे सभी वाकिफ
हैं.भारत में जितने भी आतंकवादी विस्फोट हुए हैं सबके पीछे इन्हें हिन्दू
आतंकवाद ही नज़र आता है.
ऐसे दूध के धुले हैं ये महाशय.बडबोलापन इतना कि दिसंबर २००३ के चुनाव के
दौरान सार्वजनिक रूप से बोले थे कि चुनावों में विकास कार्य कोई मायने नहीं
रखता.परिणाम ये हुआ कि कांग्रेस ३७ सीट पर सिमट गई.नवंबर २००५ के बिहार
चुनाव के समय ये वहां के प्रभारी थे.नतीजा कांग्रेस ९ से ८ पर आ गई.अब
उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं.अगले साल वहां भी ..........
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=191769534216031&set=a.138093299583655.25382.100001489561321&type=1&theater
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